Tuesday, August 31, 2010

प्रेम पाने के लिए प्रेम करे....खुद से तथा औरो से !!!


यदि आप चाहते हैं की आपको लोग प्यार करे . तो ये बहुत आसान है, पहले आप खुद को प्रेम करो और फिर बाद में दूसरो को . आप हैरान होंगे कि आपको लोग पहले से ज्यादा प्यार कर रहे है .

सबसे पहले व्यक्ति आप हो , जिसे आपने प्यार करना चाहिए .

तो पहले आप अपने जीवन से प्यार करिए . आपके जीवन में चुनौतियों हो सकती है, हो सकता है की आपके जीवन में कोई खुशी न हो, हो सकता है की परिस्थितिया विपरीत हो और हो सकता है बहुत सी ऐसी समस्याये हो जिनके तत्काल हल दिखाई नहीं दे रहे हो . लेकिन फिर भी आप अपने आपको प्यार कर सकते है ..क्योंकि ये आपका जीवन है और अगर आप इसे प्यार नहीं करते तो कोई और आपको प्यार नहीं करेंगा .

एक बार जब आप खुद को प्रेम करना शुरू कर देंगे , दुसरो के लिए भी प्रेम का जन्म होना शुरू हो जायेंगा. आप दुसरो के लिए फिक्रमंद होवे , सहायक होवे, संवेदनशील होवे, और प्रेम करे. सिर्फ निश्चल प्रेम करे .और यकीन मानिए की दूसरों को प्रेम करना हमारे विचारों की तुलना में कहीं ज्यादा आसान है.

यह बहुत महत्वपूर्ण है की हम बिना शर्त प्रेम करे. किसी भी तरह की अपेक्षा नहीं रखे . और यही प्यार आपको परमेश्वर और आध्यात्मिकता के पथ पर ले जाएगा.

तो दोस्तों. कृपया अपने आपको और दूसरो को प्रेम करे और दूसरो से प्रेम पाये.

और हमेशा की तरह भगवान् तो आपसे प्रेम करते ही है .

प्रणाम !!

6 comments:

KK Yadav said...

यह बहुत महत्वपूर्ण है की हम बिना शर्त प्रेम करे. किसी भी तरह की अपेक्षा नहीं रखे . और यही प्यार आपको परमेश्वर और आध्यात्मिकता के पथ पर ले जाएगा. ...बहुत सुन्दर लिखा आपने...साधुवाद.

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'शब्द सृजन की ओर' में 'साहित्य की अनुपम दीप शिखा : अमृता प्रीतम" (आज जन्म-तिथि पर)

vandana gupta said...

बेहद उम्दा और सारगर्भित आलेख्……………सुन्दर संदेश देता हुआ……………जीने का ढग सिखाता हुआ।

श्रद्धा जैन said...

bina shart prem ....... bahut mushkil hai swarthi duniya mein..... padhna lekin hamesha protsahit karta hai

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुन्दर संदेश

Samvedna said...

Beautiful...actually I dont know how to type in Hindi..what you have said is so true, but very difficult to love without expectations and conditions.

Unknown said...

gud mes.